- सबसे बढ़िया खाने का तेल कौन सा होता है?
- सब्जी में कौन सा तेल खाना चाहिए?
- कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए कौन सा तेल खाएं?
क्या आप इन प्रश्नों के उत्तर ढूंढ रहे है? ये ब्लॉग आपके खाना पकाने के तेल से जुड़े लगभग हर प्रश्न का उत्तर दे सकता है।
तेल हमारे खाना पकाने का आधार है। सामान्य दिन हो या कोई त्यौहार, तेल का हमारी रसोई में अहम् योगदान होता है। तेल हमारे खाने में स्वाद और स्वास्थ दोनों को जोड़ता है। अक्सर आपने सुना होगा की खाने में सही तेल इस्तेमाल करना हमारे दिल की सेहत के लिए बहुत ज़रूरी है; क्योंकि ऐसा तेल खाने में कम खपता (Absorb) होता है। एक अच्छे खाने के तेल में विटामिन ई, ओमेगा-३(Omega-3), और ओमेगा-६(Omega-6) जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं; जो हमारे दिल की सेहत का ख्याल रखते हैं। खाने के तेल की गुणवत्ता की जानकारी होना इसीलिए आज कल ज़रूरी हो गया है।
क्या आपने कभी ध्यान दिया कि –
- आप खाना पकाने के लिए कौन सा तेल इस्तेमाल करते हैं?
- तेल कितना खाना चाहिए?
खाने के तेल कितने प्रकार होते हैं?
खाना पकाने के लिए कई तरह के तेल इस्तेमाल किये जाते हैं। सामान्यतः निम्नलिखित खाने के तेल उपयोग में लाये जाते है-
- नारियल तेल (Coconut Oil)
- सरसों तेल (Mustard Oil)
- सोयाबीन तेल (Soyabean Oil)
- सूरजमुखी का तेल (Sunflower Oil)
- जैतून का तेल (Olive Oil)
- मूंगफली तेल (Groundnut Oil)
- सफेद सरसों का तेल (Canola Oil)
- रिफाइंड तेल (Refined Oil)
ऊपर बताये गए खाने के तेलों की जानकारी आपसे अगले ब्लॉग में साँझा करी जाएगी।

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इन सभी तेलों के स्वाद और गुण (Properties) अलग-अलग होते हैं। खाने के तेल का सीधा असर हमारी सेहत पर होता है। अतः अपने खाने के तेल (Cooking Oil) के पोषक तत्वों से अवगत होना महत्वपूर्ण है । साथ ही उसे किस विधि से तैयार किया गया है और उस तेल का स्मोक पॉइंट क्या है, ये जानना भी ज़रूरी है।
आमतौर पर खाने के तेल का नाम उसके स्रोत(Source) और बनाने की प्रक्रिया (Composition) के आधार पर होता है।
स्रोत जैसे- बीज (Seed), फली(Nut), फल(Fruit), अनाज(Cereals) और पौधे(Plant) इत्यादि…
बनाने की प्रक्रिया जैसे- पेरना(Crushing), दबाव (Pressing), और प्रसंस्करण (Processing)
खाना बनाने के लिए सबसे अच्छा तेल कौन सा होता है?
मुख्यतः खाना बनाने के लिए वह तेल जिसमें वसा (Fat) कम और जिसका स्मोक पॉइंट (Smoke Point) ज्यादा होता है, अच्छा माना गया है। आइये विस्तार से जानते है वसा और स्मोक पॉइंट के बारे में-
वसा (Fat)
खाने के तेल में वसा की मात्रा और वह किस तरह की वसायुक्त है, यह जानना बहुत ज़रूरी होता है। अमूमन एक अच्छे खाने के तेल में असंतृप्त वसा (Unsaturated Fat) का होना आवश्यक है जो की हमारे लिए अच्छी होती है।
वसा और उसके प्रकार |Fat and its types
वसा अर्थात चिकनाई हमारे शरीर की गतिविधियों (Processes) को सुचारु रूप से चलाने में सहायता करती हैं। लेकिन इसे पचने में अधिक समय लगता है। प्रतिदिन एक निश्चित मात्रा में ही हमारे शरीर में वसा की आवश्यकता होती है। आवश्यकता से अधिक वसा हमारे शरीर में अतिरिक्त चर्बी (Extra Fat) के रूप जमा होने लगती है। यही अतिरिक्त चर्बी एक समय के बाद मोटापा और हृदय रोग का कारण बनती है।वसा के स्रोतों (Sources) के आधार पर मुख्य 3 प्रकार होते हैं-
संतृप्त वसा Saturated Fat
यह वसा हमें मुख्य रूप से पशुओ से प्राप्त होती है और कुछ मात्रा में पेड़-पौधों से भी। संतृप्त वसा कमरे के तापमान (Room Temperature) पर ठोस(Solid) रूप में ही रहती है। यदि कोई व्यक्ति इस वसा का सेवन अधिक करता है,तो उसके शरीर में ख़राब कोलेस्ट्रॉल (LDL) का स्तर बढ़ जाता है। इस वजह से उसे उसे ह्रदय रोग, उच्च रक्तचाप और स्ट्रोक का खतरा होता है।
यह वसा अंडे, मांस, मक्खन, नारियल तेल, नारियल के दूध, पाम तेल, बिस्किट, चीज़, केक, पेस्ट्री, और चॉकलेट में होती है।
असंतृप्त वसा Unsaturated Fat
यह वसा वनस्पति तेलों से प्राप्त होती है। कमरे के तापमान पर असंतृप्त वसा तरल (Liquid) अवस्था में रहती हैं। यह दो प्रकार की होती हैं-
मोनोअनसैचुरेटेड वसा MonoUnsaturated Fat
मोनोअनसैचुरेटेड वसा एक प्रकार की आहार वसा है। यह पॉलीअनसेचुरेटेड वसा के साथ स्वस्थ वसा में से एक है। यह वसा कमरे के तापमान पर तरल रहती है और अगर इसे जमाया जाये तो यह ठोस में बदल जाती है। यह जैतून तेल(Olive Oil), मूंगफली तेल (Groundnut Oil), केनोला तेल (Canola Oil), बादाम, और अखरोट में होती है।
पॉलीअनसेचुरेटेड वसा Polyunsaturated Fat
पॉलीअनसेचुरेटेड वसा आपके रक्त में खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद कर सकती है जो आपके हृदय रोग और स्ट्रोक के जोखिम को कम कर सकता है। यह आपके शरीर की कोशिकाओं को विकसित करने और बनाए रखने में मदद करने के लिए पोषक तत्व भी प्रदान करते हैं। यह वसा कमरे के तापमान पर तरल रहती है और अगर इसे जमाया जाये तब भी ये तरल ही रहती है। पॉलीअनसेचुरेटेड वसा पौधे और पशु खाद्य पदार्थों में पाया जाता है, जैसे सैल्मन, वनस्पति तेल, और कुछ नट और बीज। इसके भी दो प्रकार हैं-
ओमेगा-3 Omega -3
यह वसा मछली, वनस्पति तेल, अलसी, और नट्स में पायी जाती है।
ओमेगा-6 Omega-6
यह वसा हरी पत्तेदार सब्ज़ियों और नट्स में पायी जाती हैं।
Unsaturated Fat के हर प्रकार हमारे लिए फायदेमंद हैं अतः इन्हे अपने भोजन में अवश्य शामिल करें।
ट्रांस वसा Trans Fat
यह वसा Unsaturated Fat को औद्योगिक प्रक्रिया (Industrial Process) से निकाल कर बनाया जाती है। यह हमारे लिए अच्छी नहीं होती । यह हमारे खाने का स्वाद बढाती है और भोजन को लम्बे समय तक अच्छा बनाये रखती हैं। यह बिस्किट्स, कूकीज, केक, मक्खन, फ्रोजेन फास्टफूड और डोनट्स में होती है।
ट्रांस फैट से ह्रदय रोग, स्ट्रोक, और डायबिटीज का खतरा रहता है। अतः इन्हे अपने भोजन में न के बराबर रखें।
स्मोक पॉइंट Smoke Point
स्मोक पॉइंट से तात्पर्य है की कोई भी खाने का तेल जिस तापमान पर अधिकतम गर्म हो जाए और उसमे से धुआँ निकलना शुरू हो जाए, वह उस तेल का स्मोक पॉइंट कहलायेगा। इस तापमान पर तेल की रासायनिक संरचना (Chemical Composition) बदलने लगता है और वह जहरीला हो जाता है। स्मोक पॉइंट जितना ज़्यादा होगा तेल उतना अच्छा होगा और जितना कम होगा वह उतना अस्थिर होगा। सभी तेल अपना एक अलग स्मोक पॉइंट रखते है।
भारतीय खाना पकाने की रीति तेल को बहुत अधिक तापमान के अधीन करती है, जैसे डीप फ्राई करते समय तेल का तापमान 170 डिग्री सेल्सियस से ऊपर जा सकता है। तेल को बार-बार तलने से तेल को और नुकसान हो सकता है और अधिक जहरीले घटक उत्पन्न हो सकते हैं जो हृदय के लिए अत्यधिक हानिकारक होते हैं।

ध्यान रहे अलग-अलग प्रकार के खाना बनाने की प्रक्रिया में अलग तापमान की ज़रूरत होती है जैसे –
- पैन फ्राइंग या सौते-120 डिग्री सेल्सियस
- डीप फ्राइंग या तलने-160-180 डिग्री सेल्सियस
- बेकिंग-180 डिग्री सेल्सियस
इन तापमान के आधार पर अपने तेल का स्मोकिंग पॉइंट पता कर किस प्रक्रिया में कौन से तेल का चयन करना है निर्धारित कर सकते है।
रिफाइंड तेल, विशेष रूप से PUFA में उच्च, आसानी से खराब हो जाते हैं और इसलिए, इनमें तलने से बचना चाहिए। इसके विपरीत, भारतीय खाना पकाने के लिए संतृप्त वसा (जैसे घी/नारियल का तेल) में उच्च तेल का उपयोग किया जा सकता है, क्योंकि वे तलने के दौरान तुलनात्मक रूप से स्थिर होते हैं।
चलते चलते…
कैसा लगा ये ब्लॉग कमेंट बॉक्स में ज़रूर बताये। जल्दी ही विभिन्न खाना पकाने के तेलों पर एक विस्तृत ब्लॉग आपके लिए लाया जायेगा. तब तक के लिए पढ़ते रहिये सोनम के शब्द
बहुत ज्ञानवर्धक जानकारी especially smoking point
It is always excited to Read your blogs..
your writing poured with amazing information and learning.
Keep Rocking, Keep writing
Very informative and helpful.
Very good article will, it’s so easy to ready and understand.
Keep doing good work #sonamkeshabd