रागी अनेक पोषक तत्वों से भरपूर एक बहुत ही पौष्टिक अनाज है। भारत के विभिन्न राज्यों में इसे अलग नामों से जाना जाता है। महाराष्ट्र और गुजरात में रागी को नाचनी, केरल, लक्षद्वीप और पुडुचेर्री में पंजी पुल्लू, तमिल नाडु में केजद्वारागु या केप्पे, और बंगाल में मरवा के नाम से जाना जाता है। मध्य भारत, कर्णाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में इसे रागी के नाम से ही जाना जाता है। अंग्रेजी में इसे Finger Millet कहा जाता है। 6 महीनो के बाद जब बच्चो को ठोस आहार देना शुरू किया जाता है इसे विशेष रूप से दिया जाना चाहिए। । दक्षिण भारत में रागी से ही शिशु के ठोस आहार की शुरुआत की जाती है। इसका आटे के रूप में उपयोग होता है, जैसे गेहूं का आटा होता है वैसे ही रागी का आटा भी होता है । SonamKeShabd के इस ब्लॉग में आप जानेंगे रागी से बनाए जाने वाले 10 ऐसे व्यंजन जो 6 से 12 महीनो के बच्चो के लिए स्वादिष्ट होने के साथ गुणकारी भी है।
रागी को सुपर फ़ूड क्यों कहा जाता है ? Why is Ragi Known as Super Food?
रागी में अन्य अनाज जैसे गेहूं, बाजरा, मक्का आदि और चावल की तुलना में अधिक मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैं जो बहुत ही लाभप्रद अनाज बनाते है। इसमें प्रचुर मात्रा में विटामिन,आयरन,कैल्शियम, मैग्नीशियम, और फास्फोरस पाए जाते हैं। अधिक मात्रा में अमीनो एसिड पाए जाने के कारण ये बच्चो के दिमाग को तेज करता है और उनकी याददाश्त क्षमता को बढ़ाता है। वयस्कों में ये डायबिटीज के बढ़ते स्तर को भी कम करने में सहायक माना जाता है। इसीलिए इसे सुपर फ़ूड भी कहा जाता है।
6 से 12 महीनो के बच्चो को रागी देने के फायदे
ये बच्चों को अनेक प्रकार की बीमारियों से बचाता है। इसीलिए इसे गुणों का भंडार कहा जाता है।
- रागी में भरपूर मात्रा में कैल्शियम और विटामिन डी होने के कारण यह बच्चो में होने वाली हड्डियों से जुड़ी समस्याओं को दूर करता है और उनकी हड्डियों को मजबूत व स्वस्थ बनाता है I
- इसमें पाया जाने वाला फाइबर बच्चो को पचाने में आसान होता है और इससे कब्ज की समस्या नहीं होती।
- यह गुलटेन-फ्री (gluten-free) होता है और प्रोटीन युक्त होने के कारण बच्चो को कुपोषण से बचाता है।
- यह बच्चो के इम्यूनिटी स्तर को भी बढ़ाता है।
- जिन बच्चों में खून की कमी होती है उनके लिए यह एक अच्छा विकल्प है। इस में पर्याप्त मात्रा में आयरन पाया जाता है जो हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाने में सहायक होता है I
- इसमें एंटीबैक्टीरियल, एंटीऑक्सीडेंट और एंटीडायबिटिक गुण पाए जाते हैं I
- इसमें मौजूद अमीनो एसिड बच्चों को मोटापे से दूर रखता है। जिसके कारण कोलेस्ट्रॉल लेवल कम रहता है और एक्स्ट्रा फैट इकट्ठा नहीं हो पाता है I
रागी से बनने वाली 10 रेसिपी | 10 Ragi Recipes
रागी की लपसी (6 से 12 महीने के बच्चों के लिए)
सामग्री
- दो चम्मच रागी का आटा
- एक चम्मच देसी घी
- एक चुटकी इलायची पाउडर
- एक कप पानी
- एक चम्मच गुड़ या गुड़ का पाउडर या खजूर का सिरप
बनाने की विधि
- सबसे पहले एक छोटे पेन को गैस पर रखें और उसमें घी डालकर गर्म करें।
- घी गर्म होने पर पेन में रागी का आटा डालकर उसे हल्का भूरा होने तक भूने।
- थोड़ा भून जाने पर घी और आटे के मिश्रण में एक चुटकी इलायची का पाउडर डाल दे। चलाना निरंतर बनाए रखें अन्यथा आटा जल सकता है।
- कुछ समय चलाते रहने के बाद उसमें किसा हुआ गुड़ डाले और चलाना जारी रखें।
- जब गुड़, घी, रागी का आटा और इलायची पाउडर मिल कर एक सार हो जाए तब उसमें धीरे-धीरे कर के पानी मिलाना शुरू करें।
- हल्का गाढ़ा होने तक पकाएं।
लपसी तैयार है। थोड़ा ठंडा होने पर बच्चे को खिलाए।

रागी और सेवफल का हलवा (6 से 12 महीने के बच्चों के लिए)
सामग्री
- दो चम्मच रागी का आटा
- एक मध्यम आकार का सेवफल
- आधा चम्मच घी
- 3 कप पानी
बनाने की विधि
- सबसे पहले सेवफल को छीलकर छोटे टुकड़ो में काट ले। अब उन टुकड़ो को पानी के साथ किसी भगोने में उबलकर नरम होने के लिए गैस पर रख दें। ठंडा होने पर मिक्सर में पीस कर प्यूरी बना ले।
- अब एक छोटे पेन को गैस पर रखें और धीमी आंच पर इसमें घी और रागी का आटा डालकर थोड़ी देर भूने।
- इसके बाद थोड़ा-थोड़ा पानी डालते जाए और चलाते जाएं।
- 2-3 मिनट के बाद सेवफल की प्यूरी डालें और इसे अच्छे से मिला ले।
- 5 से 7 मिनट तक इसको धीमी आंच पर पकाएं।
रागी और सेवफल का हलवा तैयार है। थोड़ा ठंडा होने पर बच्चे को खिलाए।

रागी और ओट्स चीला (8 से 12 महीने के बच्चों के लिए)
सामग्री
- चार चम्मच रागी का आटा
- एक चम्मच ओट्स का पाउडर
- एक कप पानी
- एक चुटकी दालचीनी पाउडर
- 1/4 चम्मच सेंधा नमक
- एक चुटकी काली मिर्च पाउडर
- एक चुटकी अजवाइन
- दो चम्मच घी
नोट: आप चाहे तो इसमें बारीक कटा हुआ टमाटर भी डाल सकते है।
बनाने की विधि
- एक चम्मच ओट्स मिक्सर में डालकर बारीक पीस लें।
- एक छोटे बर्तन में रागी का आटा ले और उसमें बारीक पिसा ओटस मिला दे।
- अब इसमें सेंधा नमक, अजवाइन, दालचीनी का पाउडर और काली मिर्च का पाउडर डालकर अच्छे से मिला ले।
- थोड़ा-थोड़ा पानी डालते जाए और एक गाढ़ा घोल बना ले।
- गैस पर एक लोहे का तवा रखकर उसे गर्म करें।
- एक गोल चम्मच की सहायता से तैयार किए गए घोल को गोल आकार में फैला दें, और ऊपर से थोड़ा सा घी लगा दे।
- अब मध्यम आंच पर दोनों तरफ सुनहरा भूरा होने तक अच्छे से सेक लें।
चीला तैयार है। आप चाहे तो बच्चे को इसे नारियल या मूंगफली दाने की चटनी के साथ भी खिला सकते है।
ध्यान दे: बच्चों के चिकित्सक अमूमन बच्चो को १० महीने की उम्र तक नमक और शक्कर देने से मना करते है। अगर आप को उचित ना लगे तो आप बिना नमक के भी बना सकते है। हालाँकि सफ़ेद नमक की तुलना में सेंधा नमक का सेवन बच्चो और वयस्कों के लिए ज्यादा उचित माना गया है।

रागी और मूँग दाल की लपसी (6 से 12 महीने के बच्चों के लिए)
सामग्री
- दो चम्मच रागी और मूँग दाल का पाउडर
- एक चुटकी इलायची पाउडर
- एक चम्मच गुड़ का पाउडर या खजूर का सिरप
- आधा चम्मच घी
- एक कप पानी
रागी और मूँग दाल का पाउडर बनाने की विधि
- आधा कप रागी
- आधा कप मूंग दाल
- 1/4 कप बादाम
- 1/4 कप काजू
- दो चम्मच चिरौंजी
रागी और मूँग दाल को अलग-अलग पानी से धो कर 3-4 घंटों के लिए पानी में भिगो दे। इसके बाद किसी सूती कपडे पर फैला कर 5-6 घंटे धूप में सूखा ले। पूरी तरह से सूखने के बाद दोनों को कड़ाई में ड्राई रोस्ट कर ले। थोड़ा ठंडा होने पर मिक्सर में बारीक पीस ले। बादाम, काजू और चिरौंजी को भी हल्का सा रोस्ट करके मिक्सी में पीस लेंI अब इन पांचो सामग्री को एक साथ अच्छे से मिक्स करके रख ले । पाउडर तैयार है।
लपसी बनाने की विधि
- गैस पर एक पेन रखें उसमें घी डालें।
- घी गर्म हो जाने के बाद उसमें दो चम्मच रागी और मूंग दाल का पाउडर डालें। हल्का सा भूने I
- अब इसमें में गुड़ का पाउडर डालकर अच्छे से मिलाएं।
- इसके बाद इलायची पाउडर डाल दें I
- अब इसमें थोड़ा थोड़ा पानी डालते जाए और चलाते जाएं।
- 5 से 8 मिनट तक पकाकर गैस बंद कर दें।
रागी शकरकंद की टिकिया/टिक्की (8 से 12 महीने के बच्चो के लिए)
सामग्री
- दो चम्मच रागी का आटा
- एक उबला हुआ शकरकंद
- एक चम्मच गुड़ का पाउडर
- एक चुटकी इलायची पाउडर
- सेंकने के लिए घी या मूंगफली का तेल
बनाने की विधि
- उबले हुए शकरकंद को छीलकर अच्छे से मसल लें। आप चाहे तो किसनी से किस भी सकते है।
- अब इसमें रागी का आटा, गुड़ का पाउडर और इलायची पाउडर डाल कर अच्छे से मिला ले।
- अब इसकी छोटी टिकिया/टिक्की जैसी बनाकर रख ले।
- गैस पर तवा रख कर, गर्म होने दे। तवा गर्म होने पर टिकिया/टिक्की उस पर रखें और धीमी से मध्यम आंच पर पलट-पलट कर सेंकते जाए।
ध्यान दे: आप गुड़ के पाउडर की जगह बारीक़ पीसी काली मिर्च और भुना हुआ जीरा पाउडर डाल कर टिकिया/टिक्की को नमकीन भी बना सकते है।
रागी और कच्चे केले की टिकिया/टिक्की (8 से 12 महीने के बच्चो के लिए)
सामग्री
- दो चम्मच रागी का आटा
- दो कच्चे केले
- 1/4 चम्मच सेंधा नमक
- एक चुटकी काली मिर्च पाउडर
- एक चम्मच हरा धनिया बारीक कटा
- सेंकने के लिए घी या मूंगफली का तेल
बनाने की विधि
- कच्चे केलो को प्रेशर कुकर में उबाल लें।२-३ सीटी पर्याप्त होगी। प्रेशर कुकर ठंडा होने पर केलो को निकल कर छिलका उतार दे और हाथ से या काटें की सहायता से अच्छे से मसल लें।
- अब उसमें रागी का आटा मिला, नमक, काली मिर्च का पाउडर, और बारीक कटा हरा धनिया डालकर अच्छे से मिला ले।
- अब मनपसंद आकर की टिकिया/टिक्की बना कर रख ले।
- गैस पर तवा रख कर, गर्म होने दे। तवा गर्म होने पर टिकिया/टिक्की उस पर रखें और धीमी से मध्यम आंच पर पलट-पलट कर सेंकते जाए।
रागी और पालक का पराठा (9 से 12 महीने के बच्चो के लिए)
सामग्री
- रागी का आटा
- एक कप गेहूं का आटा
- चार चम्मच पालक (धोकर और बारीक काटकर)
- 1/4 चम्मच सेंधा नमक
- 1/4 चम्मच जीरा पाउडर
- एक चुटकी हींग
- 1/4 कप पानी
- मूंगफली तेल या घी पराठे सेंकने, पकाने के लिए
बनाने की विधि
- गैस पर कड़ाई रखें उसमें एक चम्मच तेल डालें।
- तेल गर्म होने पर एक चुटकी हींग डालें।
- अब उसमें पालक डालें और पक जाने तक ढँक कर पकाए।
- अब एक बर्तन में रागी का आटा और गेहूं का आटा ले। उसमें पकी हुई पालक, नमक, और काली मिर्च डालें।
- थोड़ा-थोड़ा करके पानी डालते जाएं और नरम आटा गूथ लें।
- अब आटे की लोई बनाकर गोलाकार का पराठा जैसा बना ले।
- गर्म तवे पर डालकर, घी लगाकर दोनों तरफ अच्छी तरह से सेक लें।
पराठा तैयार है, आप बच्चे को दही या तिल की चटनी के साथ भी परोस सकती है।
रागी की नमकीन लपसी (9 से 12 महीने के बच्चो के लिए)
सामग्री
- दो चम्मच रागी का आटा
- एक कप मट्ठा
- एक चुटकी हींग
- 6 से 8 करी पत्ता
- एक छोटा चम्मच तेल
- 1/4 चम्मच सेंधा नमक
- 1/4 चम्मच जीरा
- 1/4 चम्मच राई
बनाने की विधि
- एक बर्तन में रागी का आटा ले और उसमें मट्ठा डाल कर अच्छे से मिला ले।
- गैस पर एक छोटी कढ़ाई रखें, उसमें एक छोटा चम्मच तेल डालें।
- जब तेल अच्छे से गर्म हो जाए तो उसमें राई, जीरा, हींग और करी पत्ता डालें, इनको अच्छे से भून लें।
- अब इसमें रागी और मट्ठे का घोल डाल दे।
- धीमी आंच पर धीरे-धीरे हिलाते रहे 8 से 10 मिनट तक पका लें।
- बारीक कटी हरी धनिया से सजा दे।
रागी की नमकीन लपसी बनकर तैयार है। थोड़ा ठंडा होने पर बच्चे को दे।
रागी गाजर डोसा (9 से 12 महीने के बच्चे के लिए)
सामग्री
- एक कप रागी का आटा
- 1/2 कप गेहूं का आटा या चावल का आटा
- 1/2 कप छाछ
- 1/2 कप पानी
- 1/4 चम्मच सेंधा नमक
- मध्यम आकार की दो गाजर
- दो चम्मच बारीक कटा हुआ हरा धनिया
- एक चुटकी जीरा पाउडर
बनाने की विधि
- गाजर को अच्छी तरह धोकर, छीलकर, किसनी से किस लें।
- एक बर्तन में रागी का आटा और गेहूं का आटा मिलाएं।
- इसमें पानी और छाछ डालकर अच्छे से मिलाएं।
- अब इस घोल में सेंधा नमक, जीरा पाउडर, हरा धनिया और किसी हुई गाजर डालकर अच्छे से मिलाकर एक गाढ़ा घोल तैयार कर ले।
- गैस पर तवा गर्म करें।
- जब तवा अच्छे से गर्म हो जाए तो गैस धीमी कर दे।
- अब एक बड़े चम्मच की सहायता से थोड़ा सा घोल लेकर डोसा की आकार में फैलाएं।
- दोनों तरफ अच्छे से सेंक लें।
- रागी गाजर डोसा को टमाटर या नारियल की चटनी के साथ परोसें।

रागी और सूजी की इडली (8 से 12 महीने के बच्चो के लिए)
सामग्री
- एक कप रागी का आटा
- एक कप सूजी
- एक कप दही
- एक कप पानी
- 1/4 चम्मच सेंधा नमक
- एक चुटकी बेकिंग सोडा
बनाने की विधि
- एक बड़े बर्तन में सूजी और रागी का आटा अच्छे से मिला ले।
- अब इसमें दही डालकर अच्छे से मिलाएं।
- थोड़ा-थोड़ा पानी डालते जाएं और मिलाते जाए।
- नमक डालें और अच्छे से मिलाकर आधे घंटे के लिए ढँक कर रख दें। इससे सूजी को फूलने और दही सोखने का समय मिलेगा।
- गैस पर इडली कुकर रखें और उसमें एक ग्लास पानी डाल दे जब तक पानी गर्म हो रहा है तब तक इडली सांचे में अच्छे से तेल लगा ले।
- इडली सांचे में डालने से पहले घोल में बेकिंग सोडा डालकर अच्छे से मिला ले।
- इडली प्लेट को इडली कुकर में रख दें और 8 से 10 मिनट मध्यम आंच पर पकाएं।
- पक जाने के बाद इडली सांचे को इडली कुकर से बाहर निकालें और 5 मिनट ऐसे ही रहने दें।
- इडली निकालकर हरी चटनी या नारियल की चटनी के साथ परोसें।

…और आखिर में
इन सभी रेसिपीज को बताई गई उम्र से ज्यादा के बच्चो और वयस्कों को देने के लिए आप अपने हिसाब से मसाले बढ़ा सकते है।
कैसी लगी आपको ये रेसिपीज कमेंट बॉक्स में ज़रूर बताइयेगा। आप कमेंट बॉक्स में अपनी रागी की रेसिपी भी शेयर कर सकते है। ऐसे ही जानकारी से भरपूर फ़ूड ब्लोग्स पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें। जल्दी मिलेंगे अगले ब्लॉग के साथ तब तक सोनम के शब्दों को देते है अल्पविराम।
बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी
Quite informative, not only for kids but diabetic patients as well
Very informative one