कोरोना का परिचय यहाँ देने में अपने शब्द और आपका पढ़ने का समय बर्बाद ना करते हुए मैं सीधे शुरू करती हूँ अपनी बात।
कोरोना से मैं और मेरे पति साहब की मुलाक़ात इसी साल 26 मार्च को हुई। ये हमारे लिए उस रिश्तेदार की तरह बन कर आए जिनके बारे में सूना बहुत था पर मिलने का मौक़ा नहीं मिला और फिर जब एक बार इनका हमारे घर आना हुआ तो 15 दिन रुक कर ही गए।
ये ब्लॉग ना होते हुए स्वयं का अनुभव है कोरोना के साथ-
9 मार्च 2021 को निजी कारण से मेरे ‘साहब’ का 10 दिनों के लिए रायपुर (छत्तीसगढ़) से बाहर जाना हुआ; बस वही से ये कोरोना जी इनको पसंद कर लिए और आ गए इनके साथ 18 मार्च को रायपुर। 21-22-23 मार्च को अपना रंग दिखाना शुरू किए जैसे –
- तेज बुख़ार,
- महक और स्वाद का जाना,
- नाक से पानी बहना,
- गले में दर्द
इतना होने पर ‘साहब’ और मैंने मिलकर तय किया की अब पक्का करने का समय आ गया है कि कोरोना जी साथ आ ही गए है। इसीलिए ‘साहब’ गए जाँच करवाने। इन्होंने करवाया
एंटीजन टेस्ट (उर्फ रैपिड टेस्ट) Antigen Test aka Rapid Test
इस प्रकार के नैदानिक परीक्षण को “रैपिड टेस्ट” भी कहा जाता है क्योंकि आरएनए परीक्षण की तुलना में टर्नअराउंड समय बहुत तेज होता है। यह उत्पादन करने के लिए भी सस्ता है। इस टेस्ट में सिर्फ़ पॉज़िटिव या नेगेटिव होने का पता चलता है।
साहब की रिपोर्ट पॉज़िटिव आने पर मेरी जाँच घर पर ही हुई, और मेरा हुआ
आरटी पीसीआर टेस्ट RT-PCR Test
आरटी पीसीआर टेस्ट यानी रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलीमर्स चेन रिएक्शन टेस्ट। इस टेस्ट के जरिए व्यक्ति के शरीर में वायरस का पता लगाया जाता है। इसमें वायरस के आरएनए की जांच की जाती है। जांच के दौरान ज्यादातर नाक और गले के अंदर वाली परत से स्वैब लिया जाता है। मेरी रिपोर्ट जाँच के अगले दिन आई।
आपकी जानकारी के लिए यहाँ बता रही हूँ की आरटी पीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट में CT value आती है जिससे आपको कोरोना वायरस ने किस हद तक प्रभावित किया है ये समझा जाता है। निचे दी हुई तालिका से समझिए –

मेरी CT value थी 35 और मुझे किसी भी तरह के कोई लक्षण भी नहीं दिख रहे थे इसीलिए मुझे कोरोना ने सिर्फ प्रभावित किया था, परेशान नहीं। इसके विपरीत नमित के पापा को तेज बुखार (लगभग 102 डिग्री सेल्सियस तक), बदन दर्द और महक ना आना जैसे लक्षण दिख रहे थे इसीलिए उन्हें एंटीजन टेस्ट के बाद ही होम क्वारंटाइन होने को कहा गया।
इन टेस्ट को करवाने के बाद हमें ये कन्फ़र्म हो गया की कोरोना जी घर आ पहुँचे है। इसीलिए हमने तय किया कि कोरोना जी के साथ ‘साहब’ एक कमरे में रहेंगे जिसमें सभी दैनिक सुविधाएँ होंगी बाक़ी पूरा घर मैं और नमित सम्भालेंगे।
कोरोना के शुरुआती 5-7 दिनों के लक्षण-
- तेज बुख़ार – 102 डिग्री सेल्सीयस तक
- बदन दर्द
- अनमनापन
- कमज़ोरी
- कफ़, बंद नाक
कोरोना जी की ख़ातिरदारी-
कैसा हो कोरोना के मरीज़ का खान-पान
पूरे दिन में 5 बार थोड़ा थोड़ा कर के खाए। चावल, कच्चा सलाद और कफ़ बनाने वाले खाद्य पदार्थों से दूरी रखें।
नाश्ते में –
दूध कॉर्नफ़्लेक्स, पोहा, उपमा, इडली-चटनी या इडली सांभर, Vermicelli उपमा अंकुरित मूँग-मोठ-चना-छोला, मूंग दाल का ढोकला, खट्टा ढोकला, खमण, मूंग दाल के या बेसन के चीले, रवा उत्तपम, आदि ऐसा नाश्ता जो कम तेल या भाँप में बन जाए। इसके साथ ले भीगी हुई बादाम, पिस्ता, अखरोट, मख़ाना, खारक आदि सूखे मेवे
खाने में
- दालें–
चना, तुवर, मूँग, मसूर, उरद दाल जैसी भी अच्छी लगे। सादी या हल्के से घी, ज़ीरा, लहसुन, टमाटर वाले तड़के के साथ। कॉम्बिनेशन आप अपने से बना सकते है या कोई भी एक दाल रोज़।
- सब्ज़ी-
हरी सब्ज़ियाँ जैसे भिंडी, लौकी, गिलकी, तुरई, पालक, मेथी जैसे भी लगे हल्के मसाले में टमाटर के साथ या दाल के साथ पका कर। जैसे लौकी चना दाल, पालक मूँग दाल में, तुरई मूंग दाल में, आदि। सहजन की फली को कुकर में बिना नमक के उबाल कर खाए।
- पनीर– भुर्जी बना के या तवे पर घी में रोस्ट कर के नमक-काली मिर्च के साथ।
- साबुत अनाज –
काला चना, छोला, राजमा, चौला, खड़ी मसूर, खड़ी उरद भिगो कर, उबाल कर, कम तेल में या घी में टमाटर के साथ पका कर। आप चाहे तो प्याज का इस्तेमाल करे पर ध्यान रहे तेल या घी का उपयोग कम-से-कम करना है।
- दलिया – गेहूँ, मक्का, और जौ (मीठा, नमकीन या खिचड़ी बना के।
- रोटियाँ- मल्टीग्रेन आटे की या गेहूँ की।
- चटनी – धनिया पत्ती, पुदीने, गिलकी के छिलकों की।
- फल – संतरा, अंगूर, अनार, आँवला, मौसंबी आदि विटामिन C से भरे हुए
- मीठे में – नाश्ते और खाने के बाद गुड़ की डल्ली, मखाने की खीर, आटे का हलवा
नोट: मैंने मूँगफली का तेल और घर का बना घी उपयोग में लिया। कच्ची शक्कर की जगह पाकी हुई शक्कर यानि की शक्कर का बूरा इस्तेमाल में लिया था।
Rule 1-2-3 करेगा आपको कोरोना से फ़्री
- नारियल पानी- दिन में 1 बार
- 1 ग्लास हल्दी वाला दूध – रात को सोने से पहले
- 1 ग्लास गर्म निम्बू पानी – सुबह ख़ाली पेट
- काढ़ा – दिन में 2 बार
- भाँप ले – दिन में 3 बार
- नमक के पानी के गरारे करे – दिन में 3 बार
अनुलोम -विलोम और प्राणायाम करे – सुबह के समय। नियमित रूप से आधा घंटा धुप में ज़रूर बैठे।
काढ़े से याद आया; चलिए आपको उस काढ़े की विधी भी बता देती हूँ जो हमने पिया था –
काढा सामग्री –
150 ग्राम- सौंठ
100 ग्राम- दालचीनी
50 ग्राम- लौंग
50 ग्राम- हरी इलायची
50-75 ग्राम- काली मिर्च
4 नग- जायफल
5 ग्राम- जावित्री
सभी मिलाकर मिक्सर में पीस लेवें। पीसने पर बने पाउडर को मैदा छन्नी से छान कर उपयोग में लेवें। जब भी काढ़ा पीना हो डेढ़ ग्लास पानी में आधा चम्मच काढ़ा पाउडर डालें और उसे एक ग्लास पानी होने तक उबाल ले। फिर गर्म-कुनकुना जैसा भी आपको लगे पी लीजिये।

कोरोना जी के मनोरंजन के लिए घर में रखें ये-
- थर्मामीटर – बुख़ार के दौरान तापमान जाँचने के लिए
- ऑक्सीमीटर – शरीर में ऑक्सिजन का लेवल और पल्स रेट जाँचने के लिए
- स्टीमर – भाँप लेने के लिए
- नेब्युलाइज़र – अगर संक्रमण फेफड़ो तक पहुँच चूका हो तो उन्हें साफ़ करने के लिए
समय – समय पर अपना ऑक्सीजन लेवल, पल्स रेट, तापमान जाँचते रहे। आपकी जानकारी के लिए यहाँ बता दूँ कि ऑक्सीजन का एक सामान्य स्तर आमतौर पर 95% या अधिक होता है। पुरानी फेफड़ों की बीमारी या स्लीप एपनिया वाले कुछ लोगों का सामान्य स्तर 90% के आसपास हो सकता है। एक पल्स ऑक्सीमीटर पर पढ़ने वाला “SpO2” किसी के रक्त में ऑक्सीजन का प्रतिशत दर्शाता है। यदि आपका होम SpO2 रीडिंग 95% से कम है, तो अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता को कॉल करें।
और आख़िर में….
आप जिस भी धर्म के अनुयायी है, सुबह-शाम अपने आराध्य को याद कीजिए इसलिए नहीं क्यूंकि आप भगवान भरोसे है; बल्कि इसलिए क्यूंकि उससे आपको सकारत्मकता मिलेगी। फ़िज़ूल की बातों से, सोशल मीडिया से, और नकारत्मकता देनी वाली हर बात से दूर रहे।
नियमित रूप से अख़बार या कोई किताब पढ़े, गाने सुने, चित्रकारी करे, अपने मित्रों और परिजनों के साथ ऑनलाइन लूडो खेले। ये कतई ना सोचे कि आप बीमार है। कोरोना महज एक निमित्त है आपको भाग-दौड़ भरी ज़िन्दगी से 14 दिनों का आराम देने के लिए।
ये था मेरा और मेरे पति का कोरोना से जीतने का अनुभव। अब हम दोनों स्वस्थ है और अपनी सामान्य जीवनशैली में वापस आ चुके है।
इस ब्लॉग को ज्यादा से ज्यादा से शेयर इसीलिए करें क्यूंकि अन्य वाहट्सएप्प मैसेज की तरह ये हवा में कहा गया नहीं है बल्कि स्वयं के अनुभव से लिखा गया है।
जल्दी मिलते है अगले ब्लॉग के साथ तब तक सोशल डिस्टन्सिंग का पालन करे, मास्क लगाए, और अगर रायपुर की तरह आपके शहर में भी lockdown है तो अच्छा बनाए- खाए-खिलाए और अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाए।