भारतीय रसोई कई तरह के मसालों से परिपूर्ण है। खड़े मसालों की बात करे तो हम में से अधिकतर लोग बड़ी इलायची, लौंग, हींग, तेज पत्ता, कला ज़ीरा, अजवाइन, जायफ़ल, जावित्री आदि का ही नाम लेंगे। लेकिन हम में से बहुत कम ही लोग होंगे जो दालचीनी की तरह दिखने वाली कैसिया और उस के मध्य अंतर बता पाएंगे।
आईये आज इस फ़ूड ब्लॉग के जरिये आपको इन दोनों के बीच का अंतर बताते है।
दालचीनी
मसालों की रानी कही जाने वाले इस मसाले की मुख्यतः दक्षिण भारत और श्रीलंका में पैदावार ज्यादा है । इसे अंग्रेजी में Cinnamon कहा जाता है। इस का पेड़ सदैव हरा-भरा रहता है। इस के पेड़ के तने की छाल को सुखाकर ही दालचीनी बनाई जाती है और आपको जानकर आश्चर्य होगा की इसी पेड़ के पत्ते को हम तेज पत्ते या तेज पान के नाम से प्रयोग करते है। यह स्वाद में मिठास के साथ साथ लौंग सा तीखापन लिए होती है। हलके भूरे रंग वाली को आसानी से तोड़ी जा सकती है। यह मसालों और दवा दोनों के रूप में प्रयोग में आती है।
कैसिया
चीन, इंडोनेशिया, और वियतनाम में मुख्यतः पाई जाने वाली कैसिया को अक्सर दालचीनी के साथ कंफ्यूज किया जाता है। स्वाद में तीखी और लकड़ी की तरह कठोर यह लाल भूरे रंग से लेकर गहरे भूरे रंग की होती है। यह दालचीनी की छाल से अधिक मोटी होती है। विशेष रूप से कैसिया को लिकर और चॉकलेट में स्वाद बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाता है। यह सेहत के लिए नुकसानदायक ही मानी गई है। इसके नियमित प्रयोग से जिगर और गुर्दे संबंधित बीमारियां होने का ख़तरा बना रहता है।
तो ये थे दोनों के बिच के अंतर। अगली बार जब आप दालचीनी खरीदने जाये तो इनका ध्यान रखें ।
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