भारत में सर्दियाँ और त्योहार साथ ही आते है। दोनो ही समय ऐसे होते है जब बनाए जाते है हलवे और कई तरह की मिठाइयाँ जिनमें डाली जाती है भरपूर शक्कर।
शक्कर– जितनी मिठास घोलती है उतनी ही बीमारियाँ भी।
जानते है शक्कर के 6 ऐसे विकल्पों के बारे में जो मीठे होने के साथ साथ सेहतमंद भी है।
गुड़ (Jaggery)
पोटेशियम और लौह तत्वों से भरपूर गुड़; अमूमन हर भारतीय रसोई में होता है। औषधिय गुणों से युक्त गुड़ के नियमित सेवन से शरीर निरोगी रहता है। आमतौर पर इसका सेवन सर्दियों में उपयुक्त माना गया है परंतु आप इसे पूरे साल खा सकते है वो भी बिना संकोच के। गुड़ शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं को बढ़ाता है इसी वजह से हिमोग्लोबिन कम होने पर गुड़ खाने की सलाह दी जाती है। गर्भवती महिलाओं के लिए तो गुड़ की एक छोटी सी ढेली सुबह-शाम वरदान से कम नहीं होती। गुड़ कैल्शियम और फ़ास्फोरस का अच्छा स्त्रोत है जो हड्डियों को मज़बूती प्रदान करता है। गुड़ की तासीर गर्म होने की वजह से ही इसका हरिरा बना कर पिया जाता है।
क्या बनाए:
गुड़-सौठ-सूखे मेवों के लड्डू, गुलगुले, आटे का हलवा
खजूर (Dates)
पोषक तत्वों के ऊर्जा घर कहे जाने वाले खजूर में पोटेशियम, विटामिन B6 और कैल्शियम भरपूर मात्रा में होता है। इसे खाने से ना केवल मीठा खाने की इच्छा पूरी होती है अपितु शरीर को ज़रूरी आयरन भी मिलता है। प्राकृतिक मीठास लिए खजूर को आप खाने के बाद मीठे के तौर पर भी खा सकते है।
क्या बनाए:
खजूर की चटनी, खजूर की बर्फ़ी, खजूर का केक
शहद (Honey)
शहद या मधु का प्रयोग रसोई और औषधि दोनो में प्राचीन समय से होता आ रहा है। एक चम्मच शक्कर से बेहतर एक चम्मच शहद माना जाता है। शहद को गुनगुने पानी में मिलाकर पीने से शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ता है। शहद सुपाच्य होता है। हालाँकि एक साल से कम उम्र के बच्चों के लिए शहद का सेवन निषेध है क्यूँकि इसमें पाए जाने वाले बोटुलिज्सम बैक्टीरिया के जीवाणु बच्चे को बीमार कर सकते है।
क्या बनाए:
सेब-शहद का मालपुआ, खजूर, शहद और केला शेक, पंचामृत, काढ़ा
केले का पाउडर (Banana Powder )
मुख्यतः देश के दक्षिण में लोकप्रिय केले के पाउडर अपने गुणों के कारण अब बाकि हिस्सों और व्यंजन विधियों में अपनी जगह बना रहा है। प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के साथ ही यह मस्तिष्क विकास में भी सहायक होता है। इसीलिए शिशु जब 6 महीने का होता है तो केले का पाउडर उसके लिए सर्वोत्तम आहार माना गया है। पौटेशियम युक्त केले का पाउडर पाचन क्रिया को भी दुरुस्त रखता है।
नोट: केले का पाउडर बनाने के लिए कच्चे केलों का उपयोग होता है।
किस में मिलाए:
मिल्कशेक, रागी या सूजी का हलवा, दलिया
नारियल चीनी (Coconut Sugar)
इसे कोकोनट पाम शुगर भी कहा जाता है। यह एक प्राकृतिक चीनी है जो नारियल के ताड़ के पेड़ से बनाई जाती है, जो नारियल के पौधे का शर्करा परिचालित तरल (circulating fluid ) है। यह अक्सर ताड़ की चीनी (Palm Sugar) के साथ भ्रमित होता है, जो समान है लेकिन एक अलग प्रकार के ताड़ के पेड़ से बनाया गया है। इसे बनाने के लिए एक चिरा नारियल के फूल पर बनाया जाता है और तरल सैप को बर्तनों में इकट्ठा किया जाता है। इस प्रक्रिया से एकत्रित हुए सैप को गर्म जगह या गर्म तापमान में रखा जाता है जिससे अतिरिक्त पानी वाष्पित हो जाता है और बचा हुआ भूरा और दानेदार उत्पाद ही नारियल की चीनी कहलाता है। इसका रंग कच्ची चीनी के समान होता है, लेकिन कण का आकार आमतौर पर छोटा होता है। नारियल चीनी में कम मात्रा में खनिज, एंटीऑक्सिडेंट और फाइबर होते हैं। नारियल की चीनी नियमित टेबल शुगर की तुलना में रक्त शर्करा में थोड़ा कम वृद्धि का कारण बनती है। हालांकि, संबंधित स्वास्थ्य लाभ संभवतः मामूली हैं। यह परिष्कृत चीनी की तुलना में स्वस्थ है, लेकिन निश्चित रूप से चीनी की तुलना में खराब है।
किस में मिलाए:
नारियल दूध की मसाला चाय , Brownies, रेड वेलवेट कपकेक्स, वैफल्स, पैन केक्स, ऊपर से छिड़कने के लिए
स्टेविया (Stevia )
स्टीविया एक गैर-पोषक स्वीटनर है। इसका मतलब है कि इसमें लगभग कोई कैलोरी नहीं है। यदि आप वजन कम करने की कोशिश कर रहे हैं, तो यह पहलू आकर्षक हो सकता है। यदि आपको मधुमेह है, तो स्टेविया आपके रक्त शर्करा के स्तर को बनाए रखने में मदद कर सकता है। स्टेविया का उपयोग आपके पसंदीदा खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों में टेबल शुगर के स्थान पर किया जा सकता है। स्टीविया पाउडर की एक चुटकी लगभग एक चम्मच टेबल शुगर के बराबर होती है।
किस में मिलाए :
चाय, कॉफ़ी, नींबूपानी, स्मूथी, फ़ीके दही और ऊपर से छिड़कने के लिए
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