प्रतिवर्ष पूरे भारत में होली का त्योहार बड़े उल्लास और उमंग से मनाया जाता है। रंगो के इस त्योहार से जुड़ी कई पौराणिक कहानियाँ भी है। इस त्योहार को प्रेम और अपनेपन से जोड़ा गया है इसीलिए कहा जाता है की होली पर सभी गिले-शिकवे और मन-मुटाव भूल कर बस प्यार और अपनेपन के रंग में रंगा जाता है।
COVID 19 की भारत के कई राज्यों में वापसी के चलते इस वर्ष होली के सार्वजनिक उत्सव पर रोक लग गयी है। ऐसे में घरों में परिवार के साथ होली का सीमित आयोजन करना समयोचित है।
इस ब्लॉग में जानिए एहसासों के साथ की होली जिसमें बिना रंगो के सब प्यार और अपनेपन में सराबोर हो सकते है।
इस होली; अपनो के साथ रिश्तों की जड़े मज़बूत करें। भुलाए मत-भेद और बढ़ाइए प्यार क्यूँकि इस होली पर आप रंगो से नहीं प्यार और सौहाद्र से रंगने वाले है।
रंग माफ़ी का –
सबसे ज़रूरी रंग। कई बार हम जाने-अनजाने ही किसी का दिल दुःखा देते है। इस होली उठाइए अपना फ़ोन और मिलाइए नम्बर उस इंसान का जिससे आप ख़फ़ा है या जो आपसे नाराज़ है और कह दीजिए एक छोटा सा “सॉरी”। फिर देखिए जो रंग चढ़ेगा अपनेपन और प्रेम का वो बहुत गहरा होगा।
रंग बाँटने का-
ये तो आप सभी मानते होंगे की बाँटने से दुःख कम और ख़ुशियाँ बढ़ जाती है। इस होली अपने उन दोस्तों और रिश्तेदारों से संपर्क करे जिनसे आप अपने व्यस्त जीवन की आपा-धापी में उस समय संपर्क नहीं कर पाए थे जब उन्हें आपकी ज़रूरत थी। सुनिए उनके दिल की बात और दिलाइए उन्हें ये एहसास की आप बस ज़रा सा व्यस्त हुए थे; उन्हें भूले नहीं थे।
रंग तारीफ़ों का –
तारीफ़ सबको अच्छी लगती है। ये एक मात्र ऐसी चीज़ है जो लिंग भेद से परे है। कई बार हमें किसी की कोई चीज़ या बात पसंद तो आ जाती है पर हम उसकी तारीफ़ नहीं कर पाते। सबसे ज़्यादा नज़रअंदाज़ इस शृंखला में हमारी गृहप्रबंधक होती है को दिन-रात पूरे जतन से घर सम्भालती है; आपकी पसंद को ध्यान में रखकर ख़ाना पकाती है और तारीफ़ पाने में पीछे रह जाती है। इस होली घर में रहकर रंग दीजिए अपनी गृहलक्ष्मी तारीफ़ों में। उनके अलावा और भी जिसकी तारीफ़ आप करना चाहे कर दीजिए दिल खोल कर।
रंग धन्यवाद का –
अक्सर अपनो को धन्यवाद कहना हम भूल जाते है या टाल जाते है ये सोच कर के की ये तो अपना इसको क्या धन्यवाद देना? पर ऐसा नहीं होना चाहिए। घरेलू कामों में मदद करनेवालों से लेकर बाहर काम करने वाले जैसे लिफ़्टमैन, पार्किंगमैन, गली-मोहल्लों-सॉसाययटीज़ में सफ़ाई करने वाले कर्मचारी वर्ग और सबसे महत्वपूर्ण हमारे कोरोना वॉरीअर्ज़ सबको इस होली रंग दीजिए धन्यवाद के रंग में और उन्हें एहसास दिलाइए की उनकी सेवाएँ और वे कितने महत्वपूर्ण है हमारे लिए।
रंग तोहफ़ों का–
तारीफ़ों की ही तरह तोहफ़े भी सबको पसंद होते है। और तोहफ़ों की सबसे अच्छी बात उनका तोहफ़ा होना ही होती है। छोटा-बड़ा, महँगा-सस्ता ये सब अर्थ-हीन होता है। तोहफ़े धन्यवाद, प्यार, तारीफ़ और अपनापन सारी भावनाएँ जता देते है। इस होली एक तोहफ़ा उनके नाम जिन्हें आप चाहते है।
रंग मदद का-
अपने आस-पास नज़र दौड़ाइए कोई तो ऐसा होगा जिसे आपकी मदद की ज़रूरत होगी। क्या पता कोई पड़ोसी कोरोना से पीड़ित हो, ऐसे में उसके लिए आपके हैप्पी होली के दो मीठे बोल ही दवा का काम कर देंगे। हो सके तो उनके लिए होली की मिठाई या चुटकी भर गुलाल ले जाकर उनके दरवाज़े पर रख दे और इसकी जानकारी उन्हें फ़ोन से दे दे; उनके लिए ये तोहफा सुनी-सुनी बीत रही होली पर ऊर्जास्रोत का काम करेगा।
रंग संकल्प का –
इस होली संकल्प ले कि- आप सार्वजनिक जगहों पर बिना मास्क के नहीं जाएंगे, हाथों को समय-समय पर धोते रहेंगे और मास्क ज़रूर पहनेंगे। कोरोना ने जो नुकसान किया है उसकी भरपाई संभव नहीं है परन्तु ये नुकसान और ना बढे इसका संकल्प ज़रूर ले।
यक़ीन मानिए होली से लेकर रंग पंचमी तक अगर आपने इन सात रंगो में से किन्ही पाँच रंगो को भी चुन लिया तो ये होली -2021 आपके लिए यादगार बन जाएगी।
अबीर-गुलाल और रंगों का इस्तेमाल ज़रूर करे और जमकर होली खेले लेकिन पूरी सावधानी के साथ।
जल्दी मिलते है अगले ब्लॉग के साथ। ये ब्लॉग कैसा लगा ज़रूर बतायिएगा; आपकी कॉमेंट्स ही मेरी होली का तोहफ़ा होंगी।